Online FAQ


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सामान्य

गीता गुञ्जन प्रमाणपत्र' 'गीता परिवार' का एक मानकीकृत और स्वीकृत प्रारूप है। गीता सिखने हेतु कक्षाओं में प्रयोग में लायी जाने वाली भिन्न-भिन्न भाषाओं के विपरीत यह केवल हिंग्लिश (हिंदी और अंग्रेजी) में उपलब्ध है। चूंकि यह एक पूर्वनिर्धारित प्रारूप है इसलिए किसी भी प्रकार के बदलाव के लिए कोई विकल्प नहीं है।


पंजीयन

अगले स्तर L2, L3 अथवा L4 में पंजीयन हेतु पंजीकृत ईमेल आई.डी. एवं PRN का उपयुक्त मेल आवश्यक है। यदि इन दोनों में से कोई भी एक अपूर्ण अथवा गलत हो, तो आप सफलतापूर्वक पंजीयन नहीं कर पाएंगे। अतः हमें सही ईमेल आई. डी. एवं PRN सुनिश्चित करने के पश्चात ही पंजीयन फॉर्म भरना चाहिए। आप इस हेतु हमारी हेल्पलाइन नं. 1800-203-6500 में कॉल करके भी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

गीता परिवार के किसी भी चरण में परीक्षा उत्तीर्ण करने की कोई भी बाध्यता नही रखी गयी है।
आप अपनी गीता ज्ञान यात्रा L1 से L4 तक सतत रूप से जारी रख सकते हैं।
▪️L1 : में 2 अध्याय 12, 15
▪️L2 : में 4 अध्याय 9, 14, 16, 17
▪️L3 : में 6 अध्याय 1, 3, 4, 5, 6, 7
▪️L4 : में 6 अध्याय 2, 8, 10, 11, 13, 18

लगभग 1 वर्ष में गीता जी के सम्पूर्ण श्लोकों का पठन पूर्ण होगा।

इस दौरान आप के समक्ष "गीता गुञ्जन" के अलावा परीक्षा के अन्य पड़ाव भी आएंगे।

▪️गीता जिज्ञासु
(3 अध्याय पूर्ण कंठस्थ करना)
▪️गीता पाठक
(6 अध्याय पूर्ण कंठस्थ करना)
▪️गीता पथिक (12 अध्याय पूर्ण कंठस्थ करना)
▪️गीता व्रती (18 अध्याय अर्थात पूर्ण गीता कंठस्थ करना) इत्यादि

आप सभी परीक्षा उतीर्ण करें ऐसी हमारी शुभकामनाएं रहेंगी। किंतु गीता ज्ञान गंगा में गोते लगाने के लिए कोई भी परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य नहीं है।

अतः आइए मित्रों निश्चिंत होकर पूर्ण मनोभाव से सभी मिलकर गीता पढ़ें, पढ़ाएं व जीवन में लाए एवं अपना मानव जीवन धन्य एवं सफल बनाए।

आप "आदरणीया सुवर्णा काकी जी" के audio के माध्यम से अभ्यास कीजिए
▪️ यदि आप अपने अभ्यास से संतुष्ट हैं तो video बनाकर ग्रुप में भेज सकते हैं।
▪️ फिर भी यदि आपको लगता है कि पुनः Level 1 करना है तो स्व-सहायता पटल (Self help portal) के माध्यम से आप प्रथम स्तर की कक्षा join कर सकते हैं। अलग से कोई नया L1 form भरने की आवश्यकता नहीं है।
▪️ आगे के स्तरों हेतु परीक्षा उत्तीर्ण करने की भी किसी प्रकार की कोई बाध्यता नहीं है।

अतः आइए मित्रों निश्चिंत होकर पूर्ण मनोभाव से सभी मिलकर गीता पढ़ें, पढ़ाएं व जीवन में लाए एवं अपना मानव जीवन धन्य, सुखी एवं सफल बनाए।


सहायता पटल

PRN Participant Registration Number का संक्षिप्त शब्द है।
P - Participant (पार्टिसिपेंट)
R - Registration (रजिस्ट्रेशन)
N - Number (नंबर)

"PRN" गीता परिवार के सभी प्रतिभागियों को गीता परिवार द्वारा दिया जाने वाला विशेष अंक है। नीचे दिए कार्यों को सम्पादित करने हेतु "PRN" की नितांत रूप से आवश्यकता पड़ती हैं;
1. गीता परिवार के Self Help Portal (स्वयं सहायता पटल) में login कर विभिन्न समस्याओं के स्वतः निराकरण हेतु।
2. गीता परिवार के नवीन वर्ग अथवा अगले स्तर में प्रवेशार्थ पंजीयन फॉर्म भरने हेतु।
3. गीता परिवार द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं में सम्मिलित होने हेतु।
4. परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले प्रतिभागियों के प्रमाणपत्र जारी करने हेतु।
5. गीतापरिवार के गीता सेवी कार्यकर्ता बनकर सेवा देने हेतु इत्यादि।

PRN प्राप्त करने के लिए निम्न प्रक्रिया अपनाएँ -

१. http://learngeeta.com/help पर लॉग इन करें

२. अपनी पसंद की भाषा चुनें

3. आप्शन १ (अपना PRN पता करें) पर क्लिक करें

4. अपना पंजीकृत मोबाइल नंबर (जिससे आप WA ग्रुप से जुड़े हैं) लिखकर सबमिट बटन पर क्लिक करें

आपको आपका PRN प्राप्त हो जाएगा

आप सीधे learngeeta.com/PRN
पर लॉग इन करके भी PRN प्राप्त कर सकते हैं

यदि आप स्वतः असमर्थ हैं तो हमारी हेल्पलाइन नं. पर भी संपर्क कर सकते हैं -

1800-203-6500, +918586822506, +918587868498 (10:00 am to 6:00 pm IST)
ईमेल: helplinegeeta@gmail.com

https://online.learngeeta.com/help/shift-to-lower-level.php

First Login -
https://online.learngeeta.com/help/login.php

Then add a family member
https://online.learngeeta.com/help/register-family-member.php


तकनीकी

वीडियो बनाते समय कृपया निम्नलिखित 11 महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखें :
1. वीडियो रिकॉर्ड करने से पहले शुद्ध उच्चारण के साथ अध्याय को पढ़ने का कई बार अभ्यास कर लेंवें।
2. सम्पूर्ण अध्याय की वीडियो (video) एक बार में ही बनाना है। जैसा कि आप जानते ही हैं "गीता गुञ्जन" कंठस्थीकरण की परीक्षा नहीं है। अतः आप PDF से पढ़कर भी विडियो बना सकते हैं।
3. सम्पूर्ण अध्याय का एक साथ वीडियो बनाने से फ़ाइल का आकार (size) बहुत बढ़ सकता है तथा इसे आगे भेजने में परेशानी आ सकती है। इस समस्या को दूर करने के लिए आप video दो या तीन भागों में भेज सकते हैं। अथवा यूट्यूब, गूगल ड्राइव (Youtube, Google Drive) इत्यादि में संरक्षित कर वीडियो लिंक भेज (Share) सकते हैं।
4. कृपया ध्यान में रखें कि वीडियो रिकॉर्डिंग करते समय आपका चेहरा स्पष्ट दिखाई देना चाहिए। कैमरे को उचित दूरी (न ज्यादा नजदीक, न अधिक दूर, पासपोर्ट साइज फोटो की तरह) पर रखें।
5. वीडियो बनाते समय सुनिश्चित करें कि पीछे से किसी भी प्रकार की कोई अन्य आवाजें न आ रही हों।
6. आपका चेहरा साफ दिखाई दे, इसलिए वीडियो बनाते समय ध्यान दें कि आपके चेहरे पर सामने की ओर से रोशनी आ रही हो पीछे की ओर से नहीं।
7. आपके पीछे (Background) में सपाट दीवार / पर्दा इत्यादि हो तो बहुत अच्छा रहेगा। आप भगवान श्री कृष्ण अथवा अपने इष्टदेव का चित्र भी रख सकते हैं।
8. अध्याय का पाठ लय के साथ ही करना चाहिए, अतः उचित लय, शुद्ध व स्पष्ट उच्चारण एवं ऊंचे स्वर में वीडियो तैयार करें। हड़बड़ी बिल्कुल न करें, शांत व प्रफुल्लित मन से रेकॉर्डिंग करें।
9. यदि सम्भव हो तो, दो या तीन वीडियो बना लें तथा इनमें से जो आपकी श्रेष्ठ लगे वही भेजें। चूंकि केवल आप एक ही प्रविष्टि भेज सकते हैं। अतः वीडियो भेजने से पूर्व सर्वोत्तम का चयन करें।
10. वीडियो भेजते समय अपना पूरा नाम व PRN नम्बर का उल्लेख अवश्य करें।
11. वीडियो प्रसन्नचित्त होकर व प्रेम भाव रखते हुए मधुर मुस्कान के साथ बनावें। ऐसा लगे मानो आप अपने इष्टदेव को सुन्दर सुगन्धित सुमन अर्पित कर रहे हैं।

गीता परिवार की ओर से आप सभी गीता प्रेमी साधकों को श्रीमद्भगवद्गीता का शुद्ध उच्चारण, अध्ययन व मनन करने हेतु अनेकानेक शुभकामनाएँ ।


गीता कक्षा

यह दोनों अध्याय छोटे व सरल भी हैं इनमें मात्र 20 - 20 श्लोक ही हैं। बच्चों को जिस प्रकार नर्सरी से पढ़ना सिखाते हैं उसी प्रकार आसान से कठिन की ओर जाने की यात्रा है।

धीरे-धीरे आप सभी आसान शब्दों व व्याकरण के आदि हो जाते हैं तो फिर हमारी आगे की यात्रा और थोड़े बड़े व गूढ़ अध्याय की ओर अग्रसर होती है।

12 वा भक्ति योग है। हम भक्ति रस के साथ हमारा गीता पढ़ने का सफर शुरू करते है। 15 वाँ अध्याय "पुरुषोत्तम योग" जिसमें पुरुषोत्तम भगवान का तात्विक वर्णन एवं सम्पूर्ण संसार की रचना को दर्शाया गया है।

पूज्य स्वामी जी द्वारा यह क्रम निर्धारित किया गया है। तथा मंशा यह है कि अत्यंत महत्वपूर्ण व जीवनोपयोगी सन्देश मानव जीवन में पहले उतर जाए। गीता अध्ययन की यात्रा बड़ी लंबी है। यदि किसी कारण वश कोई प्रतिभागी आगे नहीं बढ़ पाता तो भी कम से कम गीता की सारभूत बातें तो उनके जीवन में साथ रह ही जाएं।

जी, सम्पूर्ण सत्र के दौरान आप कभी भी अपनी सुविधानुसार समय में परिवर्तन कर सकते है।


परीक्षा

जी अवश्य भेज सकते हैं।

▪️ अपनी आवश्यक जानकारियों के साथ जैसे नाम, मोबाइल नं, E-mail ID, PRN नं, L1 Batch एवं Group No. इत्यादि।
▪️ अपने पूर्व के trainer अथवा GC को ही भेजें।

हम आपके "गीता जिज्ञासु प्रशस्तिपत्र" के प्रति आपके प्रेम, उत्साह एवं आतुरता को समझ सकते हैं। किंतु खेदपूर्वक क्षमा चाहते हैं कि यह सम्भव नहीं है।

असल में यह परीक्षा पूर्ण गीता कंठस्थिकरण की यात्रा का प्रथम पड़ाव है। 3, 6, 12 एवं अंत मे पूर्ण 18 अध्याय के शिखर तक पहुंचने की यात्रा।

जैसे हिमालय को एक चरण मे लांघना कठिन है उसी प्रकार से चरणबद्ध रीति से बड़े लक्ष्य को छोटे छोटे चरणों में आप सभी की सुविधा हेतु विभक्त किया गया है। जिससे अधिक से अधिक लोग शिखर तक पहुंचने में सफल हो सके।

दृढ़ संकल्प, धैर्य-विश्वास, आत्मअनुशासन, सतत अभ्यास तथा हरि कृपा से यह सब आसान हो जाता है। थोड़ा समय अवश्य लग सकता है किंतु निश्चित रूप से सफलता प्राप्त होती ही है।

यत्र योगेश्वरः कृष्णो
यत्र पार्थो धनुर्धरः।
तत्र श्रीर्विजयो भूति
र्ध्रुवा नीतिर्मतिर्मम।।18.78।

जी बिलकुल, आगामी परीक्षा सम्बन्धी जानकारी आपको उस समय जिस ग्रुप में होंगे वहां मिल जाएगी।

गीता परिवार ने परीक्षा की तयारी हेतु एक एप्प बनाया है। इस लिंक में जाकर आप उस एप्प से अभ्यास कर सकते हैं -
https://geetajijnasu.web.app/


अन्य

https://online.learngeeta.com/faculty/index.php

वैकल्पिक व्यवस्था हेतु तत्काल अपने दल समन्वयक (BC) से संपर्क करें।

जी नहीं, यह तकनीकी सहायक का कार्य है। तथापि आप नियमित रूप से फैकल्टी लॉग इन से Attendance Log का अवलोकन करें। यदि किसी दिन आपके तकनीकी सहायक भूलवश उपस्थिति दर्ज नहीं कर सके तो उनसे विनम्रता पूर्वक ऐसा करने के लिए आग्रह करें। किसी तकनीकी समस्या होने पर उस दिन की उपस्थिति आप दर्ज करें अथवा अपने BC को इसकी जानकारी दें।

Comma Separated Value फाइल द्वारा ही आपको आपके ग्रुप के साधकों का मोबाइल नंबर एवं PRN साझा किया जाएगा

Virtual Contact File में विभिन्न संपर्क नंबर को संगृहीत किया जाता है जिससे उसे सुलभता से एक बार में ही सरंक्षित किया जा सके।

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